आज सुबह जब ट्विटर खोला तो देखा बहुत से लोगों ने ट्वीट कर रखा था कि भास्कर ग्रुप्स के कई ऑफिस पर IT रेड पड़ी हैं। भास्कर के साथ-साथ भारत समाचार न्यूज चैनल के भी ऑफिस और स्टाफ के लोगों पर सरकार ने IT कि रेड करवाई। यह रेड सरकार कि मनसा पर सवाल खड़े करती है। यह बात तो हर कोई जानता है की कौन-कौन से मीडिया हाउस सरकार के हाथों डर से या लालच मे आकर अपने ईमान को बेच चुके हैं ऐसे मीडिया हाउस की संख्या नहीं बिकने वाले मीडिया हाउस से अधिक है। ऐसे मीडिया हाउस जो बिक चुके हैं उनकी एक पहचान यह होती है की वह लोगों को धर्म और दिखावटी राष्ट्रभक्ति के नाम पर उलझाए रखते हैं ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सकें। यह एक तरह से सरकार के अघोषित प्रवक्ता होते हैं। लेकिन दैनिक भास्कर उन अखबारों में से हैं जो ऐसे माहौल में भी सरकार की नाकामियों को बिना किसी डर के लोगों के सामने रखा। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर दोनों के ही वक्त दैनिक भास्कर ने सरकार के मिसमैनेजमेंट को लोगों के सामने बिना डरे रखा चाहें वो पहली लहर के दौरान अचानक लॉकडाउन के कारण मजदूरों को ह...
मेरे अनुसार भारत में प्रशांत किशोर को वह हर व्यक्ति जानता है जो अपने आप को भारतीय राजनीति से जुड़ा समझता है. वो एक राजनीतिक सलाहकार है. पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान P.K. ने घोषणा की कि वह राजनीतिक सलाहकार के रूप में इस चुनाव के बाद काम नहीं करेंगे. P.K. की गांधी परिवार से मीटिंग के बाद से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई. मीटिंग में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजुद थे और सोनिया गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़ी. P.K. का कद भारतीय राजनीति में काफी मायने रखता है.2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की बड़ी जीत के पीछे एक कारण P.K. की रणनीतियों को भी माना जाता है. इसके अलावा P.K. ने बिहार में नीतीश कुमार के साथ काम किया, पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह को जीत दिलाई(पंजाब सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया),आंध्रप्रदेश में जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनाई, तमिलनाडु में M.K.स्टालिन को सता के सिंहासन पर बैठाने में अहम भूमिका निभाई. बंगाल चुनाव में बीजेपी को हराने और दीदी को फिर से सता में लाने के पीछे P.K.की नीतियों ने काफी अहम भूमिका निभाई और उसके बाद से P.K. का कद भारतीय राजनीति में काफी ...