आज सुबह जब ट्विटर खोला तो देखा बहुत से लोगों ने ट्वीट कर रखा था कि भास्कर ग्रुप्स के कई ऑफिस पर IT रेड पड़ी हैं। भास्कर के साथ-साथ भारत समाचार न्यूज चैनल के भी ऑफिस और स्टाफ के लोगों पर सरकार ने IT कि रेड करवाई। यह रेड सरकार कि मनसा पर सवाल खड़े करती है। यह बात तो हर कोई जानता है की कौन-कौन से मीडिया हाउस सरकार के हाथों डर से या लालच मे आकर अपने ईमान को बेच चुके हैं ऐसे मीडिया हाउस की संख्या नहीं बिकने वाले मीडिया हाउस से अधिक है। ऐसे मीडिया हाउस जो बिक चुके हैं उनकी एक पहचान यह होती है की वह लोगों को धर्म और दिखावटी राष्ट्रभक्ति के नाम पर उलझाए रखते हैं ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सकें। यह एक तरह से सरकार के अघोषित प्रवक्ता होते हैं। लेकिन दैनिक भास्कर उन अखबारों में से हैं जो ऐसे माहौल में भी सरकार की नाकामियों को बिना किसी डर के लोगों के सामने रखा। कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर दोनों के ही वक्त दैनिक भास्कर ने सरकार के मिसमैनेजमेंट को लोगों के सामने बिना डरे रखा चाहें वो पहली लहर के दौरान अचानक लॉकडाउन के कारण मजदूरों को ह...